राम मंदिर अपने निर्धारित जगह अयोध्या के पावन जमीं पर बनाने जा रहा है जिसे कुछ लोग अभी भी हज़म नहीं कर पा रहे है . राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह में PM नरेंद्र मोदी के शामिल होने को लेकर छिड़ी बहस के बीच बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्य ने असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार किया। तेजस्वी ने पूर्व में राष्ट्रपति भवन में आयोजित इफ्तार पार्टी पर सवाल किए। ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने ओवैसी से पूछा कि उनकी धर्मनिरपेक्षता तब कहां थी जब देश के राष्ट्रपति और राज्यों के मुख्यमंत्री अपने आवास पर इफ्तार पार्टी रखते थे।
तेजस्वी सूर्या ने ओवैसी के ट्वीट को दोबारा पोस्ट करते हुए करारा जवाब दिया है, उन्होंने लिखा, ‘जब देश के राष्ट्रपति और राज्यों के सीएम अपने आधिकारिक आवास पर इफ्तार पार्टी आयोजित कराते थे तब आपकी धर्मनिरपेक्षता कहां थी?’ उन्होंने आगे आरोप लगाया, मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई थी। उस गलती को अब सुधार दिया गया है। उन्होंने आगे कहा, हमें रजाकारों से संविधानवाद का पाठ सीखने की जरूरत नहीं।’
When Presidents of India & CM’s of states were organising Iftaar parties in official capacity, in official residences where was your ‘secularism’?
Masjid was built by razing the temple. That mistake is now reversed.
P.S We don’t need lessons in constitutionalism from Razakars. https://t.co/1vk9I2zvIe
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) July 28, 2020
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भूमि पूजन का हिस्सा बनना प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में शामिल होना प्रधानमंत्री के संवैधानिक शपथ का उल्लंघन है। धर्मनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।’
बॉलीवुड एक्ट्रेस कोएना मित्रा भी इस बहस में शामिल हो गई हैं और उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को जवाब दिया है। कोएना ने अपने ट्वीट में कहा- ‘संसद में सिर पर टोपी पहनना सांप्रदायिक नहीं है, बल्कि भूमि पूजन में भाग लेना सांप्रदायिक हो जाता है? 40,000 मंदिरों को लूट लिया गया, लूट के साथ अपराधियों ने उन्हें नष्ट भी कर दिया। अगली पीढ़ी को इसके बारे में जरूर पता होना चाहिए। पीएम और सीएम का इफ्तार पार्टी में शामिल होना सांप्रदायिक नहीं है, बल्कि भूमिपूजन में शामिल होना सांप्रदायिक हो जाता है। पाखंड का कोई चेहरा और नाम थोड़ी होता है…’
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